दिल के चंद एहसास

75 भाग

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वो किसी और के लिए,  हुस्न का गुलशन खिलाए बैठे हैं।।  दिल के अरमानों का,  महकता हार सजाये बैठे हैं।।  हम क्या करें उनसे,  मोहब्बत की इल्तजा।।  जो किसी और की ...

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