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यूँ रुस्वाईयों से दिल की, फिजा नहीं बदलेगी निशा के अंधियारे से, कभी सबा नहीं बदलेगी।। सनम मानो या न मानो, ये तुम्हारी मरजी है पर, मैंने तो तुमसे मोहब्बत की ...