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लबों पर झूठी मुस्कान लिए फिरते हो आखिर किसके खातिर हथेली पर जान लिए फिरते हो, हो बड़े नादान जो दर्द छुपाते हो मुस्कान के पीछे अपने बड़े नादान हो पल ...