लेखनी प्रतियोगिता -25-Nov-2022

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तुमने छुआ था यार जो नाजो अदा के फूल। दिल को हमारे भा गए शर्म ओ हया के फूल। खुशियों को अपने लफ्ज़ कभी दे सका न मैं। उसने दिया था ...

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