1 भाग
28 बार पढा गया
1 पसंद किया गया
अल्फाजे जिंदगानी राजीव कुमार झा हुस्न ए मुहब्बत नज़्म दरिया शोर का समंदर दमादम मस्त कलंदर दिल के भीतर रुह बवंडर तूफां का साया कोई वक्त उसकी यादों में खो जाए ...