अल्फ़ाजे जिंदगानी

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अल्फाजे जिंदगानी राजीव कुमार झा हुस्न ए मुहब्बत नज़्म दरिया शोर का समंदर दमादम मस्त कलंदर दिल के भीतर रुह बवंडर तूफां का साया कोई वक्त  उसकी यादों में  खो जाए ...

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