1 भाग
313 बार पढा गया
16 पसंद किया गया
कविता सात समंदर राजीव कुमार झा अरी सुंदरी तुम सागर में निर्वस्त्र नहाती गर्म योनि को कोमल हाथों से सहलाती बड़ी -बड़ी चुचियों को बाडी लोशन से महकाती बड़े होटलों में ...