सूरज

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कविता सूरज राजीव कुमार झा कोई तुम्हें  झूठ बोल कर ठगता  उस वक्त वह क्या कहता समझो वह सच से थोड़ा  अलग हटकर सबको अपने मन की कोई बात कहता कोई ...

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