लेखनी प्रतियोगिता -16-Nov-2022

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क्षमादान  नहीं करो अभिमान कभी, अपनी अलग पहचान करो! दान करो क्षमा का यारो, अपने व्यक्तित्व को महान करो! प्रेम से बोलो, प्रेम करो, मानव धर्म का तुम मान करो! फैले ...

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