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मेरी नियति मुझे वहां लेकर जा रही थी।मै और मेरी बहन अपनी गाड़ी में बैठे हुए थे।जुलाई शुरुआत का महीना था।जब मै घर से निकली थी तो आसमान साफ था।बस हल्की ...