लघुकथा ःःमेरे कान्हा

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🌹🌹कहानीःमेरे कान्हा🌹🌹 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 गोपी..ओ..गोपी... अ..रे..सुनता क्यों नहीं है..रे..तू..। ओ..ह.. हरे कृष्ण.. हरे माधव...।बूढ़ी अम्मा थोड़ा सुस्ताने बैठ गई..। पसीना पोंछते  फिर याद आया। अ.रे..गोपी.. ले..खा ले..न.हलुआ.. हलुआ कर रहा था. अब ...

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