1 भाग
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एक उम्मीद का दीया जलाये बैठे है, उनके फैसले पे नज़रें टिकाये बैठे है। हम जिनसे दिल अपना लगाये बैठे है, वो तो ना जाने कबसे हमें भुलाये बैठे है।। अपना ...