विश्वासघात--सीजन-२--भाग(४)

20 भाग

383 बार पढा गया

16 पसंद किया गया

सुबह होने को थी,हल्का हल्का उजाला हो चला था,अनवर चाचा रेलगाड़ी के डिब्बे के भीतर पहुंचे , करन को अपनी गोद में लेकर करके बैठ गए और परेशान होकर खिड़की से ...

अध्याय

×