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#. दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय:-- स्वैच्छिक ये कैसी तन्हाई है, जागता नहीं नसीब। क्या हो गया पल भर में, रिश्ते हो रहे अजीब।। कठिन लगने लगी , दोजख की जिंदगी। वफ़ा ...