छाया

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छाया तुम्हें जी भर  देखना चाहता फिर तुम इस रात में धूप की तरह  चली न जाओ दिनभर  तुम्हारे साथ छाया की तरह चलता रहा जीवन में सारा समय उस खुशी ...

अध्याय

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