35 भाग
336 बार पढा गया
13 पसंद किया गया
छाया तुम्हें जी भर देखना चाहता फिर तुम इस रात में धूप की तरह चली न जाओ दिनभर तुम्हारे साथ छाया की तरह चलता रहा जीवन में सारा समय उस खुशी ...