कविता ःःसात फेरे

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कविता ःसात फेरे ★★★★★★★★ सात फेरों की रस्में चूर हो गईं सप्तपदी की कसमों की भूल हो गई तुमने वादा किया था,आजीवन साथ चलने का उन कदमों में बेवफाई की धूल ...

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