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दोहा रसना रस की खान है, रसना में रस घोल। सबको मनभावन लगे, रसमय वाणी बोल।। काग बचन ऐंसे लगें, जैसे कर्कश तीर। और कोकिला के बयन , लगते सुखद समीर।। ...