सुहागन....

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मैं बहुत दिनों बाद शहर से गाँव पहुँचा,पुराने दोस्त मुझे अपने साथ गाँव के हनुमानजी के मन्दिर के पास ले गए,जहाँ एक कुआँ था और गाँव भर में उसी कुएंँ का ...

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