सैलाब

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कविता सैलाब राजीव कुमार झा हरसिंगार के फूल आधी रात से पहले महक रहे तुम्हारी जुल्फों में सितारों की बहार छायी कैसी नमी आंखों में छाई हर तरफ चुप्पी देती  सुनाई ...

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