मैथिलीशरण गुप्त---नटनागर आज कहाँ अटके?

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नटनागर आज कहाँ अटके ?                                        नटनागर, आज कहाँ अटके? रथ-सूत हुए अपने भट के, कि फँसे युग छोर कहीं पट के, कल-हंस हुए यमुना-तट के, कि बने पिक वीर ...

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