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# दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय:- स्वैच्छिक आसमान से तारा टूटा ! अपना मन बंधन से छूटा! मुक्त हुए...हम जीवन-भुक्त हुए ! जीवन रीत पुरानी है। दुनिया आनी जानी है।। रूप मनुज ...