75 भाग
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था गुरूर नभ को, मेघ की घटाओं पर सनम ने जुल्फें बिखरा दी, वो पानी-पानी हो गया।। चंद अल्फाज ही बोले थे, होंठों को खोलकर सनम ने गुलाबी गुलाब भी, होंठों ...