जिन्दगी की पहेली..

1 भाग

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कितनी उलझी उलझी सी है ये जिन्दगी की पहेली, तड़प,कितने आँसू कितना दर्द और जान अकेली, कभी तो बाबुल से बिछड़ने का ग़म तो कभी पिया मिलन की जल्दी जैसे दुल्हन ...

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