1 भाग
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तुम सभा तुम ही समिति तुम युगों की आपबीती। तुम स्वधा तुम ही स्वाहा हो तुम ही गंगा तुम अदिति। तुम धवल क्रीड़ा में लिपटे सूर्य की भी पुण्य दीप्ति। तुम ...