एक ख़ास तस्वीर...

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एक दिन लेखनी में मुशायरें का आयोजन हुआ,वहाँ ऐसी कोई शर्त नहीं थी कि केवल कवि या शायर ही अपनी कविता सुना सकते हैं,अगर लेखक भी चाहें तो वें भी अपनी ...

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