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कविता ःःप्यार ★●★★★★★ ढाई आखर प्यार मे सारा जग समाए राधा कृष्ण का प्रेम हो या कौशल्या राम में वारी जाए इस पावन शब्द के ही कारण दुनिया चलती जाए निर्मोही ...