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ईश्वर का वरदान बनकर, जब तू थी धरती पर आई रोम रोम पुलकित हुआ, मन की थी कली मुस्काई मधुर चांदनी जैसी तेरी, चमक रही थी काया देख तेरी वो नन्ही ...