लेखनी उपन्यास -रिश्तों की डोर - भाग -4

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रिश्तों की डोर - भाग - 4 सुबह के ०७:३० का समय; ऋषि की नींद खुलती है।  घड़ी की ओर उसकी नजरें जाती है।  एक गहरी सांस भरते हुए ऋषि मन ...

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