कीमत रोटी की

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अपना दर्द किसी से कह नहीं पाता है, वो मजबूर है झूठन बिन कर खाता है। दिन भर कूड़ा करकट बीनता है वो, अपने आप को भिखारी कहलवाता है। हर जगह  ...

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