1 भाग
139 बार पढा गया
3 पसंद किया गया
कविता ःःएक मुट्ठी धूप ★★★★★★★★★★ जाड़ों का मौसम आया है धूप सुहानी चुनरी ओढ़ आई है.. मीठी,गीत गुनगुनाती धूप.. सुनहली छटा बिखेरती धूप... चाय,कॉफी जैसी जोशीली धूप.. गर्म तेल की ...