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🌹🌹 ग़ज़ल 🌹🌹 गुज़रेंगे इसी दर से ख़बरदार सभी हैं। हाथों में लिए पत्थर तैयार सभी हैं। हमसे ख़ता हुई तो उठी सब की उंगलियां। हम जानते हैं इसमें गुनहगार सभी ...