30 भाग
446 बार पढा गया
9 पसंद किया गया
जिंदगी कब कहाँ किसी की सुनती है। ये तो अपने ही रफ्तार से चलती है। अब प्रेम जी ने वादा तो कर लिया मगर नशा उनके सिर चढकर बोल रहा था। ...