ऐ दिले नादान

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ऐ दिले नादान  , ऐ दिले नादान  क्यों उठता है बोझ यादों का  ये तो एक वो अंगारा है  जो जलता है पर नज़र नही आता  ऐ दिले नादान  , ऐ ...

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