यकीं रख!

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माना कि तेरे कदम लड़खड़ा रहें हैं मगर यकीं रख जीत तय है, हो हौसला बुलंद गर, तू बस यकीं रख। ये हार जीत तो दो हिस्से हैं, एक ही सिक्के ...

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