1 भाग
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विषय:-- स्वैच्छिक जितने भी जख्म मिले अपनों से मिले ..! कुछ हकीकत में मिले, कुछ सपनों में मिले ...! जो भी जख्म मिले संभाल कर रखा..! कसक सहकर, सीने में पाल ...