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कविता ःःशिकायत 🍃🍃🍃🍃🍃🍃 कविता ः शिकायत *************** आज फिर पूनम आई है नीलगगन पर माफताब छाया है चांदनी ने फिर छलकाया है अपना जाम.. जैसे मधुमास फिर आया है। **** स्वरचित ...