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प्रतियोगिता हेतु ।चंद्रशेखर आजाद का पत्र।। आजादी के लिए दुधमुंहा कूद पड़ा लड़ने रण में दमक रहा चेहरा सूरज सा हट जाती नज़रें क्षण में।। पुष्ठ वदन था उस बालक का ...