1 भाग
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अपनो की भीड़ में भी अपनापन लग नहीं रहा बरसात में भी मैं भींग जाऊं ऐसा लग नहीं रहा। दिखावा ही दिखावा महसूस हो रहा अपनेपन की अभिलाषा रख मन दुखी ...