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एक मित्र, अबु-अल-हसन हांगकांग से होकर आये हैं। कुछ दिन हुए सहसा एक होटल में उनसे भेंट हो गयी। हांगकांग की बातें बताते हुए उन्होंने कहा एक दिन बांजार की सैर ...