ये वो प्रियम्बदा नही

315 भाग

47 बार पढा गया

1 पसंद किया गया

मैं आॅटो के लिए खड़ी थी। पीछे से किसी ने कंधे पर हाथ रखा। मैं चैंक पड़ी। पलट कर देखा तो वो खड़ी थी। मैं उसे देखकर मुस्करा पड़ी। प्रत्युत्तर में ...

अध्याय

×