रमला

315 भाग

47 बार पढा गया

0 पसंद किया गया

साजन के मन में नित्य वसन्त था। वही वसन्त जो उत्साह और उदासी का समझौता कराता, वह जीवन के उत्साह से कभी विरत नहीं, न-जाने कौन-सी आशा की लता उसके मन ...

अध्याय

×