राग चिरंतन

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शाम तीन बज कर बीस मिनट हो ही रहे है की गली में खड़ंजे वाले रास्ते पर साइकिल की आहट होती है और जानकी समझ जाती है की पिताजी आ पहुँचे ...

अध्याय

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