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राजकुमारी तीव्र गति से टेढ़ी-मेंढी पगडंडियों पर चली जा रही थी। चलते-चलते अस्फुट स्वर में वह स्वयं से बातें करती जा रही थी। वह जब कभी किसी परेशानी में घिरती या ...