1 भाग
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सियासी रंग में रंग कर, बने सब नेता हैं ढोंगी लगा सत्ता का जब चस्का, बने राजा जो थे जोगी।। न इनको कोई है चिंता, देश चाहे ये बिक जाए नहीं ...