वो भला ऐसा कैसे कर सकती है

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इस अंधेरे  कमरे में बैठकर जब भी यादों के पन्ने पलटता हूॅं  वें सभी चीख - चीख  कर मेरी ही गलतियां गिनाते हैं । गलती भी तो मेरी ही थी । ...

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