कविता---लालसा

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कविता---लालसा कुछ जीने की लालसा बची है नया कुछ और करने की जद मची है नए सोच पर उम्मीद की लौ जगी है उस लौ को आशाओं के दीये में बदलनी ...

अध्याय

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