मातृभूमि के छंद

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प्रतियोगिता हेतु देश मान मिलता है,स्वाभिमान से भरा हुआ है,  मानता है विश्व ज्ञानवान मेरा देश है।। भिन्नता में खिन्नता नहीं यहाँ जरा सी कोई,  है अभिन्नता से आलीशान मेरा देश ...

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