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कविता--उम्मीद उम्मीदों के दीप जलाकर आशाओं के फूल खिलाकर आसमान के नीचे हम लेकर प्रण अपने भीतर की बुराइयों को करेंगे दफन रास्ते के कंटक हों या बिछे हो रोड़न हम ...