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विषय:-- "दिशा" मैं बालक हूं तुम्हारा, प्रभु जी तुम हो स्वामी! मेरे मन की तुम जानो, तुम हो ,जग -अंतर्यामी ! हाथ जोड़ करूं करतार, हर दिन यही प्रार्थना! चित्त न ...