सामंत वादियों ने बिछा रखा जाल है।

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सामंत वादियों ने बिछा रखा जाल है। महंगाई से गरीब का जीना मुहाल है। जो जान दे रहे हैं सीमा पर रात दिन। उनकी वतन परस्ती पर कैसा सवाल है। कैसे ...

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