1 भाग
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अब ये न पूछना के मैं अल्फ़ाज़ कहाँ से लाती हूँ, कुछ चुराती हूँ दर्द दूसरों के तो कुछ अपनी सुनाती हूँ।। अब ये न पूछना की मै अल्फ़ाज़ कहा से ...